Monday, 26 June 2017

माँ सरस्वती की उत्पत्ति माँ महाकाली ने की है

१. )शंका : क्या माँ सरस्वती की उत्पत्ति ब्रह्मा ने की है ?
क्या माँ सरस्वती ब्रह्मा की बेटी है ?
उत्तर : नहीं
भगवान् ब्रह्मा के ऊपर कोई भी सांसारिक ब्रह्मा का विधान लागु नहीं होता है | इसलिए कोई सांसारिक सम्बन्ध नहीं होता है |  गणेश, शिव , विष्णु , ब्रह्मा , दुर्गा (लक्ष्मी, सरस्वती, काली) इत्यादि पर  सांसारिक सम्बन्ध नहीं होता है |  ये एक दूसरे के आह्वान  पर प्रकट होते है | कार्य में सहायता करते है |
भगवान् ब्रह्मा ने कल्पना से ही संसार बनाया है | ब्रह्मा ने कल्पना से ही सबको पैदा किया है न की सम्बन्ध से इन्होने मानस पुत्र को जन्म दिया है | अतः ब्रह्मा की शक्ति माँ सरस्वती माँ गायत्री और गणेश जी है जिनके सहायता से वो विधान लिखते है | भगवन विष्णु की शक्ति लक्ष्मी है | जो पालन पोषण में सहायता करती है | महदेव की शक्ति कालि है जो शिव को प्रलय संहार में सहायता करती है |
दुर्गा सप्तशती में रहस्य में बताया गया है | माँ सरस्वती की उत्पत्ति माँ महाकाली ने की है |ब्रह्मा की सृष्टि की कल्पना कर रहे हो वो ब्रह्मा की सृष्टि से ऊपर है | इसलिए वास्तव में न तो देवता हैं , न असुर, न मनुष्य हैं न तिर्यक् ( मनुष्य से नीची – पशु , पक्षी आदि किसी ) योनीके प्राणी हैं । न वे स्त्री हैं, न पुरुष और न नपुंसक हीं हैं । नवे ऐसे कोई जीव हैं , जिनका इन तीनों ही श्रेणियों में समावेश न हो सके । न वे गुण हैं न कर्म, न कार्य हैं न तो कारण ही। सबका निषेध हो जानेपर जो कुछ बचा रहता है, वही उनका स्वरुप है तथा वे ही सब कुछ हैं।इसलिए कोई भी सांसारिक सम्बन्ध माँ सरस्वती पर लागू नहीं होता है| 
२ .) शंका : क्या माँ सीता का अग्नि परीक्षा ली थी और राम ने धोबी के कहने पर त्याग किया था ?
उत्तर : नहीं
 माँ सीता का अग्निपरीक्षा एक झूठ मात्र है | जो वाल्मीकि रामायण में ,महाभारत और मनुस्मृति में छेड़खानी के कारन हुई थी |
माँ सीता के स्मरण मात्र से अग्नि शीतल हो जाती है | वीर हनुमान माँ सीता के आशीर्वाद से लंका दहन किये और अग्नि को माँ सीता ने ही अग्नि को हनुमान के लिए शीतल हो जाने को कहा था |
माँ सीता के आशीर्वाद से ही हनुमान जी अजर अमर गुणनिधान हो गए |

सुन्दर कांड दोहा
अजर अमर गुणनिधि सूत होहु | करहुँ बहुत रघुनायक छोहू |  हनुमान

हनुमान चालीसा
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता | अस बर दीन जानकी माता |

क्यों माँ सीता ने लक्ष्मण रेखा लांघी , माँ सीता का रावण ने अपहरण कैसे कर लिया और माँ सीता ने रावण को दंड क्यों नहीं दिया ?

सत्य : माँ सीता माँ मंदोदरी के बेटी है  | जब माँ सीता का जन्म हुआ तो आकाशवाणी हुई की हे मंदोदरी तेरी पुत्री तेरे पति  रावण का मौत कारन बनेगी | इसलिए रावण ने माँ सीता को राक्षसों द्वारा राजा जनक के राज्य में धरती में घड़े में रख कर गाड़ दिया था | जब  राजा जनक ने हल चालयी तो घड़े में माँ सीता मिली थी |राजा जनक माँ सीता के धर्म पिता थे और रावण पिता थे |
इसलिए अपने पिता को अपने सामने पाकर और भीख मांगते देख लक्ष्मण रेखा लांघी थी | अपने पिता को मना नहीं किया और न ही युद्ध किया | इसलिए बारम्बार भगवान् राम ने सीता को लौटाने के लिए अनुरोध किये |

रावण को पता था जिस दिन उसकी पुत्री सीता लंका में कदम रखेगी | लंका में राक्षस का नाश होगा | इसलिए रावण ने अपनी बेटी सीता को लंका ले आया था | जिससे राक्षस का अंत और भगवान् श्री राम के हाथो मुक्ति मिले | जिसका माँ मंदोदरी, सीता के नाना(मंदोदरी के पिता ) चाचा कुम्भकर्ण और चाचा विभीषण ने विरोध किया था |   अतः मंदोदरी के आज्ञानुसार महल के बाहर ही माता सीता को रखा गया था | अपने माता और पिता के घर रहने के कारन सीता की पवित्रता पर सवाल करना ही गलत और अधर्म ही है |

माँ सीता राजा अपने पिता जनक , महर्षि वसिष्ठ, तीनो महारानी कौसल्या सुमित्रा, कैकयी के आशीर्वाद और खुद की इक्षानुसार और भगवान् श्रीराम की अनुमति से गयी थी | महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में गयी थी |
उस समय आश्रम प्रथा थी | बच्चे के देखभाल और अच्छे संस्कार के लिए गयी थी | बच्चे गर्भावस्था में सिख जाते है | अभिमन्यु ने गर्भ में ही चक्रव्यूह तोडना अर्जुन से सीखा था |


धोबी नाम की कोई शब्द नहीं था | त्रेता युग में जाती प्रथा नहीं थी | जाती प्रथा कलियुग में आया | जाती प्रथा मुग़ल ने और वर्ण व्ययस्था राजा भोज ने बनाया था | जो परिवर्तनीय थी | अतः यह भ्रामक और झूठ है |
मनु स्मृति ,वालमीकि रामायण में उत्तरकाण्ड और महाभारत में छेड़खानी हुई है

३. ) शंका : क्या माँ द्रौपदी के पांच पति थे ?
उत्तर : नहीं
माँ द्रौपदी पांचाल नरेश की पुत्री थी | जिससे उनका नाम पांचाली पड़ा था |
वामपंथी और अधर्मी ने हिन्दू धर्म को बदनाम करने के लिए झूठ फैलाया था |
४.) शंका : क्या शिव की पारवती और काली पत्नी ,माँ लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी और ब्रह्मा की पत्नी सरस्वती है ?
उत्तर : ये देवी शक्ति है | जिन्हे समय समय पर ब्रह्मा विष्णु महेश आह्वान करते है | आप पत्नी को सहयोगी समझ सकते है |
ब्रह्मा वेद की रचना और सृष्टि के लिए कानून लिखते है | जिसे भगवान् गणेश और माँ सरस्वती सहयोग करती है | इसलिए माँ सरस्वती को ब्रह्मा की शक्ति माना जाता है |
भगवान् विष्णु पालन पोषण माँ लक्ष्मी के सहयोग या शक्ति से करते है | इसलिए माँ लक्ष्मी को भगवान् विष्णु की संगिनी माना गया है |
भगवान् विष्णु स्वयं लक्ष्मी धन्वंतरि अमृत मोहिनी के रूप में प्रकट लिए थे |
भगवान भोलेनाथ संसार के मालिक और संहारकरता है | माँ पारवती को तप के समय और माँ काली को विनास के समय संगिनी शक्ति कहा गया है |
अतः आप पत्नी को शक्ति या सहयोगी के लिए समझ सकते है | लेकिन ब्रह्मा के श्रष्टि के ऊपर नर नारी जैसी कोई प्रथा नहीं है |
५.) राधा से कृष्ण की शादी क्यों नहीं हुई |
उत्तर : माँ राधा भगवान् श्री कृष्ण की अन्तरंगिणी माया है | जो समय आने पर श्री कृष्ण स्वयं माँ राधा के रूप में हर युग में प्रकट होते है | माँ राधा रूप श्री कृष्ण का मंगलकारी है जिसे योगी और भक्त्जन समझ सकते है | साधारण जन माँ रुक्मिणी को राधा समझ सकते है | माँ रुक्मिणी माँ लक्ष्मी और माँ राधा तीनो श्री कृष्ण के ही रूप और शक्ति है |

भगवान् के अनन्त रूप है | गणपति ब्रह्मा विष्णु महेश दुर्गा  एक दूसरे से प्रकट और एक दूसरे में व्याप्त होते रहते है | अन्नंत सूर्य है | भगवान् हमारी तर्क शक्ति से बाहर है |
भगवान् को हम नमन करते है |
त्राहि मा शरणागतम |

बोलो राधे राधे |

दुर्गा सप्तशती रहस्य 


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