धर्म शाश्त्र के सूक्ष्म अध्यनों से पता चलता है की बुद्ध महावीर मीरा कबीर तुलसीदास सूरदास रविदास नानक मेंही दास इत्यादि महपुरुषों ने वैदिक सनातन धर्म को जनमानस के लिए लोकभाषा (प्रचलित बोलने और समझने वाले) भाषा में पडोसा | लोकभाषा ने होने के कारन अनेक पंथ और ग्रन्थ हुए| जो वैदिक सनातन धर्म को बचाने में कामयाब रहे |
वेद पुराण कहता है भगवन ब्रह्मा ने जीवो की आयु और कर्म के लिए नियम बनाये है | नियम को मृत्युभुवन का राजा काल और इंद्र है | नियम को पालन करना ही धर्म है | मृत्यु एक सच्चाई है |
जीव की आत्मा अमर है | आत्मा का एक मात्र आश्रय और एक मात्र अंतिम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति या आत्मा का श्री हरि (नारायण) में मिल जाना है | यानी आत्मा का परमात्मा में मिलना ही मोक्ष है | जो जीव मोक्ष प्राप्त करता है उसका पुनः जन्म नहीं होता है |
ज्ञान वैराग्य भक्तिमार्ग तपस्या योग इत्यादि सत्य (श्री हरि सत्यनारायण ) को पाने का रास्ता है |
अतः श्री हरि विष्णु (नारायण) को पाने का अनेक रास्ता है लेकिन भक्ति प्रेम आसान रास्ता है |
वाल्मीकि बुद्ध महावीर शंकराचार्य रामकृष्ण परमहंस विवेकानंद ने ज्ञान और वैराग्य का रास्ता चुना | जो सामान्य जीवों से संभव नहीं है | ये तपस्वी और कर्मयोगी द्वारा संभव है |
मीरा कबीर तुलसीदास सूरदास रविदास नानक मेंही दास इत्यादि महपुरुषों ने भक्तिमार्ग चुना जो आसान और सुगम है |
हे धर्म धुरंधर जागो | श्री राम श्री कृष्ण स्वयं नहानरायण है | जिनका भक्तिमार्ग से केवल नाम लेकर ही मनुष्य के जीवन को सार्थक करे |
हरे राम हरे राम | राम राम हरे हरे ||
हरे कृष्ण हरे कृष्ण | कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||
हरि ॐ तत्सत |
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