श्री गणेश ।
वाल्मीकि समुदाय धर्म संस्थापक और और धर्म के प्रहरी इन्हें अछूत मत कहना ।
अभी तक आप ने जान लिया है की वरुणदेव के १०वे पुत्र महर्षि वाल्मीकि के संतान है। ये मुगलकाल काल तक ब्राह्मण और क्षत्रिय धर्म का पालन करते थे । जिसे मुग़ल ने जुल्म कर सफाई और मांस का कारोबार में लगाया । इन्होंने समाज में बहुत दुखद स्थिति को जी रहे है । ये खुद को समाज भी इनके अतीत को भूल चुके है ।
जो मुग़ल की तलवार की घर पर भी नहीं झुका १००० बर्ष तक जिसने अपनी जिंदगी प्रतिरोध में बिता दिया । वो आज मार्क्सवाद की रजनीश के शिकार होकर बहकावे में जा रहे है । इनको मार्क्सवादी राजनीती के हिन्दू समाज से दूर करने कीसाजिश चल रही है । इनको झूठ इतिहास पढ़ाके लोभ और जुल्म से अभी भी धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है । इनका सर्वस्व मिटा दिया जा रहा है । आज़ादी के बात लगभग ५ करोड़ से अधिक हिन्दू का धर्मांतरण हुआ है । जिसमे वाल्मीकि समाज के एक आंकड़े के अनुसार १.५ करोड़ लोग धर्मांतरण का शिकार हुए है। इनको मार्क्सवादी राजनीती ने अपनी राजनीती चमकाने के लिए मूलनिवासी होनेका झूठ इतिहास पढ़ा कर बाकि हिन्दूसमुदाय के जीवन पर भी खतरा उत्पन्न कर दिया है। लगभग १० लाख से अधिक लोग उग्रवाद की और बढ़ गये है । मार्क्सवादी ने वर्ग संघर्ष राजनीती के लिए खड़ा करने के लिए जो मूलनिवासी होने की झूठ इनलोगो के सामने परोसा है । इनके पीछे कुछ मार्क्सवादी इतिहासकार जेनयू कश्मीर हैदराबाद यादवपुर इत्यादि प्रोफेसर जो खुद ही हिन्दू समुदाय में तोड़फोड़ कर मार्क्सवादी राजनीती केलिए जमीन तैयार कर रहे है । इनके ही बच्चे उग्रवाद की ज्यादा शिकार होते है । ये बुद्धिजीवी जिस जहर को बनाते है । राजनितिक दल उस जहर को समाज में बांटते है । समाज वो जहर जबरदस्ती बुद्धिजीवी को भी पिला दिया जाता है ।
मूलनिवासी दलित और शूद्र अछूत ऐसा जहर है जिसने हिन्दू सम्प्रदाय के अस्तित्व पर ही सवाल और खतरा खड़ा कर दिया है । अब सत्यआपके सामने है । सारे हिन्दू एक ही खून और एक ही डीएनए है । इनके पूर्वज एक ही थे । अतः में जागृत हिन्दू से अपील करता हूँ । ये सत्य वर्तमान की ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य जाति और पूर्व कि (मुग़ल काल तक ) कि ब्राह्मण और क्षत्रिय जाति जिसे मुग़ल ने अछूत बनाया है । जिस मार्क्सवादीऔर कांग्रेसी राजनीती ने दलितऔर मूलनिवासी बता कर भेद और घृणा का वातावरण पैदा कर रहा है । जिस बुद्धिजीवी की कलम सिर्फ पैसे और राजनीती के लिए जहर उगल रही है । इस जहर को रोकना है । उन्हें सत्य बता कर सही रास्ते पर लाना एक सामाजिक समस्या है । इसे राजनितिक मोहरा न बनने दे ।
आप सब कम से कम एक ब्लॉग जरूर बनाये जिसमे वाल्मीकि समुदाय सच्ची इतिहास हो । अंत में हम वाल्मीकी समुदाय को न्याय और उचित स्थान समाज में प्राप्त करने में आप लोगो का सहयोग चाहते है ।
वाल्मीकि समाज का सामाजिक स्थिति के बारे में सच सामने रख रहा है ।
जो संप्रदाय केवल हिन्दू के विरोध के लिए ही पैदा लिया है । जिसने धर्मके नाम पर ईरान अफगानिस्तान हाल ही में पाकिस्तान बांग्लादेश बनाया । २० करोड़ हिन्दू को मारा । २५ करोड़ से अधिक को धर्मांतरण करवाया । उससे ये उम्मीद रखना की भारत देश की भलाई की बात करेंगे । जो अपने दरवाजे पर किसी हिन्दू को राम राम कह कर बुलाते थे और पास आने पर गला रेत देते थे । राम नाम बगल में छुरी । ये गलत फहमी है ।
जिस सम्प्रय्दाय ने हिन्दू को अत्यधिक यातना । वाल्मीकि (ब्राह्मण) और चंवर (क्षत्रिय ) को चमार छीलने और सफाई कार्य के लिए मजबूर किया घर घर भीख मांगने के लिए मजबूर किया । जिस समुदाय ने इन हिन्दू आपस में बाँट कर सत्ता सुख हासिल किया। हर प्रसिद्ध मंदिर के पुजारी को मौत और लूटा ।
जिन वाल्मीकि समुदाय के पूर्वज ने धर्म की स्थापना की आपको पहले ही बता चूका हूँ मुग़ल काल में इन्हें बहुत यातना देकर ब्राह्मण से दलित बनाया था । ये किसी हिन्दू के घर से जूठा खाना पसंद करते थे । इन्होंने कभी मुग़ल की गुलामी नहीं किया और न ही धर्म त्याग किया । आज बहुत कम लोगो को पता है इन्हें अछूत क्यों कहा जाता है । जो भी हिन्दू इन्हें खाना या सहायता करता था । उसे मुग़ल बहुत प्रताड़ित करता था । इन्होंने लगभग अपनी १००० बर्ष संघर्ष में गुजर दिया । इन सच्चे ब्राह्मणों को आज पूजा करने के लिए मना किया जाता है । ये ही सच्चे ब्राह्मण है। अतः ये अब खुद मंदिर बनाये और समाज को भी इन्हें सम्मान और उचित स्थान देना पड़ेगा । ये अपने अतीत को याद करे ।
समाज भी सच्ची इतिहास को भूल गया है । ये सब सिर्फ मुग़ल,अंग्रेज , मार्क्सवादी और कांग्रेसी इतिहास ने इन्हें अपना वजूद मिटने पर मजबूर किया है । समाज को इनकी सच्ची भक्ति और ब्ब्राह्मणत्व और क्षत्रिय वंश को जानते हुए इन्हें सम्मान मिलना चाहिए । सत्य यही है इनके वंसज खुद भूल गये है की ब्राह्मण थे और इन्होंने धर्म की स्थापना की है और समाज भी भूल गयी है । बस सत्य सामने लाने की जरूरत है ।
हमने आपके सामने सत्य लाया है । अब आप इस त्याग और तपस्या की मूर्तिको किस नजरसे देखते हो । आपकी श्रद्धा और धर्म और वाल्मीकि और चंवर वंशीय अपने आप को किस प्रकार ससम्मान देते है । जब आप खुद का सम्मान करेंगे तब दुनिया भी सम्मान करेंगे । जब आपके अपने सम्मान करेंगे तो पराये भी करेंगे । अतः सभी हिन्दू सेअनुरोध हैकी इनकी सच्ची इतिहास सबको पता होना चाहिए । समाज की भी जिम्मेवारी है । जिस इतिहास को मार्क्सवादी कांग्रेसी छुपाना चाहते है आपके सामने है ।
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वाल्मीकि समुदाय धर्म संस्थापक और और धर्म के प्रहरी इन्हें अछूत मत कहना ।
अभी तक आप ने जान लिया है की वरुणदेव के १०वे पुत्र महर्षि वाल्मीकि के संतान है। ये मुगलकाल काल तक ब्राह्मण और क्षत्रिय धर्म का पालन करते थे । जिसे मुग़ल ने जुल्म कर सफाई और मांस का कारोबार में लगाया । इन्होंने समाज में बहुत दुखद स्थिति को जी रहे है । ये खुद को समाज भी इनके अतीत को भूल चुके है ।
जो मुग़ल की तलवार की घर पर भी नहीं झुका १००० बर्ष तक जिसने अपनी जिंदगी प्रतिरोध में बिता दिया । वो आज मार्क्सवाद की रजनीश के शिकार होकर बहकावे में जा रहे है । इनको मार्क्सवादी राजनीती के हिन्दू समाज से दूर करने कीसाजिश चल रही है । इनको झूठ इतिहास पढ़ाके लोभ और जुल्म से अभी भी धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है । इनका सर्वस्व मिटा दिया जा रहा है । आज़ादी के बात लगभग ५ करोड़ से अधिक हिन्दू का धर्मांतरण हुआ है । जिसमे वाल्मीकि समाज के एक आंकड़े के अनुसार १.५ करोड़ लोग धर्मांतरण का शिकार हुए है। इनको मार्क्सवादी राजनीती ने अपनी राजनीती चमकाने के लिए मूलनिवासी होनेका झूठ इतिहास पढ़ा कर बाकि हिन्दूसमुदाय के जीवन पर भी खतरा उत्पन्न कर दिया है। लगभग १० लाख से अधिक लोग उग्रवाद की और बढ़ गये है । मार्क्सवादी ने वर्ग संघर्ष राजनीती के लिए खड़ा करने के लिए जो मूलनिवासी होने की झूठ इनलोगो के सामने परोसा है । इनके पीछे कुछ मार्क्सवादी इतिहासकार जेनयू कश्मीर हैदराबाद यादवपुर इत्यादि प्रोफेसर जो खुद ही हिन्दू समुदाय में तोड़फोड़ कर मार्क्सवादी राजनीती केलिए जमीन तैयार कर रहे है । इनके ही बच्चे उग्रवाद की ज्यादा शिकार होते है । ये बुद्धिजीवी जिस जहर को बनाते है । राजनितिक दल उस जहर को समाज में बांटते है । समाज वो जहर जबरदस्ती बुद्धिजीवी को भी पिला दिया जाता है ।
मूलनिवासी दलित और शूद्र अछूत ऐसा जहर है जिसने हिन्दू सम्प्रदाय के अस्तित्व पर ही सवाल और खतरा खड़ा कर दिया है । अब सत्यआपके सामने है । सारे हिन्दू एक ही खून और एक ही डीएनए है । इनके पूर्वज एक ही थे । अतः में जागृत हिन्दू से अपील करता हूँ । ये सत्य वर्तमान की ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य जाति और पूर्व कि (मुग़ल काल तक ) कि ब्राह्मण और क्षत्रिय जाति जिसे मुग़ल ने अछूत बनाया है । जिस मार्क्सवादीऔर कांग्रेसी राजनीती ने दलितऔर मूलनिवासी बता कर भेद और घृणा का वातावरण पैदा कर रहा है । जिस बुद्धिजीवी की कलम सिर्फ पैसे और राजनीती के लिए जहर उगल रही है । इस जहर को रोकना है । उन्हें सत्य बता कर सही रास्ते पर लाना एक सामाजिक समस्या है । इसे राजनितिक मोहरा न बनने दे ।
आप सब कम से कम एक ब्लॉग जरूर बनाये जिसमे वाल्मीकि समुदाय सच्ची इतिहास हो । अंत में हम वाल्मीकी समुदाय को न्याय और उचित स्थान समाज में प्राप्त करने में आप लोगो का सहयोग चाहते है ।
वाल्मीकि समाज का सामाजिक स्थिति के बारे में सच सामने रख रहा है ।
जो संप्रदाय केवल हिन्दू के विरोध के लिए ही पैदा लिया है । जिसने धर्मके नाम पर ईरान अफगानिस्तान हाल ही में पाकिस्तान बांग्लादेश बनाया । २० करोड़ हिन्दू को मारा । २५ करोड़ से अधिक को धर्मांतरण करवाया । उससे ये उम्मीद रखना की भारत देश की भलाई की बात करेंगे । जो अपने दरवाजे पर किसी हिन्दू को राम राम कह कर बुलाते थे और पास आने पर गला रेत देते थे । राम नाम बगल में छुरी । ये गलत फहमी है ।
जिस सम्प्रय्दाय ने हिन्दू को अत्यधिक यातना । वाल्मीकि (ब्राह्मण) और चंवर (क्षत्रिय ) को चमार छीलने और सफाई कार्य के लिए मजबूर किया घर घर भीख मांगने के लिए मजबूर किया । जिस समुदाय ने इन हिन्दू आपस में बाँट कर सत्ता सुख हासिल किया। हर प्रसिद्ध मंदिर के पुजारी को मौत और लूटा ।
जिन वाल्मीकि समुदाय के पूर्वज ने धर्म की स्थापना की आपको पहले ही बता चूका हूँ मुग़ल काल में इन्हें बहुत यातना देकर ब्राह्मण से दलित बनाया था । ये किसी हिन्दू के घर से जूठा खाना पसंद करते थे । इन्होंने कभी मुग़ल की गुलामी नहीं किया और न ही धर्म त्याग किया । आज बहुत कम लोगो को पता है इन्हें अछूत क्यों कहा जाता है । जो भी हिन्दू इन्हें खाना या सहायता करता था । उसे मुग़ल बहुत प्रताड़ित करता था । इन्होंने लगभग अपनी १००० बर्ष संघर्ष में गुजर दिया । इन सच्चे ब्राह्मणों को आज पूजा करने के लिए मना किया जाता है । ये ही सच्चे ब्राह्मण है। अतः ये अब खुद मंदिर बनाये और समाज को भी इन्हें सम्मान और उचित स्थान देना पड़ेगा । ये अपने अतीत को याद करे ।
समाज भी सच्ची इतिहास को भूल गया है । ये सब सिर्फ मुग़ल,अंग्रेज , मार्क्सवादी और कांग्रेसी इतिहास ने इन्हें अपना वजूद मिटने पर मजबूर किया है । समाज को इनकी सच्ची भक्ति और ब्ब्राह्मणत्व और क्षत्रिय वंश को जानते हुए इन्हें सम्मान मिलना चाहिए । सत्य यही है इनके वंसज खुद भूल गये है की ब्राह्मण थे और इन्होंने धर्म की स्थापना की है और समाज भी भूल गयी है । बस सत्य सामने लाने की जरूरत है ।
हमने आपके सामने सत्य लाया है । अब आप इस त्याग और तपस्या की मूर्तिको किस नजरसे देखते हो । आपकी श्रद्धा और धर्म और वाल्मीकि और चंवर वंशीय अपने आप को किस प्रकार ससम्मान देते है । जब आप खुद का सम्मान करेंगे तब दुनिया भी सम्मान करेंगे । जब आपके अपने सम्मान करेंगे तो पराये भी करेंगे । अतः सभी हिन्दू सेअनुरोध हैकी इनकी सच्ची इतिहास सबको पता होना चाहिए । समाज की भी जिम्मेवारी है । जिस इतिहास को मार्क्सवादी कांग्रेसी छुपाना चाहते है आपके सामने है ।
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